तो सर ने भी अपनी माला निकल कर पहनाने वाले को ही कुछ इस अंदाज मे पहना दिया इसे कहते है व्यक्तित्व एक एसा व्यक्तित्व जिसे कोई गुमान नही है अपने बड़े होने का,किसी विषिस्ट पर होने का जब जैसा तब ऐसा वाकई एसा व्यक्तित्व मैंने तो आज तक नही देखा अगर आपने देखा हो तो बताये
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