मंगलवार, 29 अप्रैल 2008
ये तो होना ही था
हरभजन ने श्रीसंत को तमाचा जड़ा चारो ओर हंगामा हो गया साब कही नवजोद साहब इसे क्रिककेट के बिरुद्ध बता रहे है तो कही ललित मोदी हरभजन और श्रीसंत को मीडिया के सामने गले मिलाने मे हैरान थे ये तो अभी शुरुआत है साब अपने खिलाड़ी आपस मे ही भिडेंगे आगे -आगे देखते जाइये ये २० -२० का भुत किसको किसको लडाता है क्योकि कोई किसी के लिये नही बल्कि सब पैसे के लिये खेल रहे है ये मे नही भारत के ही एक प्रतिभावान खिलाड़ी ने पहले ही कहा है कभी एक समय था कि भज्जी की हलकी सी तू तू मैं मैं के समर्थन मे पुरा देश एक साथ खड़ा रहता था आज स्थिति दूसरी है आईपीअल ने तो उन सबको ला के एक कतार मे खड़ा किया है जो एक दुसरे के घोर विरोधी थे सब एक साथ हो गए है ये पैसा क्या जो जो न करा दे अब स्वदेशी विदेशी का झगडा नही बल्कि स्वदेशी स्वदेशी का झगडा होंगा जिसका पहला नमूना देखने को मिला है वाह रे पैसा तेरी लीला अपरम्पार है अब देश के जीत की दुहैया नही दी जाएँगी बल्कि अब प्रीति शाहरुख़ के जीत कि दुहैंया दी जाएँगीअब भारत के जीत के लिये नही चेन्नई और दिल्ली के लिये दुआ मांगी जायेगी
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