आज एक जगह विकेंद्रीकरण कि चर्चा हो रही थी साथियों ने कहा कि विकेंद्रीकरण के कई फायदे हुए है मुझे भी लगा कि फायदे तो हुए है अब घुस की कमाई एक जगह तक ही सीमित नही रहती है अब मजाल कि कोई अकेला घुस की कमाई खा जाए अब बकायदा उसके हिस्से निर्धारित किए गए है ये विकेंद्रीकरण भी दो स्तरों पर लागु होता है एक राजनितिक और दूसरा प्रसश्निक अब घुस कि राशी केंद्रीकृत नही रहती है दोनों जगहों पर समान रूप मी मिल बात कर खाई जाती है
अब विकेंद्रीकरण का प्रभाव गावों से ही देखने को मिलने लगा है इंदिरा आवास के लिये मिलने वाली रकम क लिए कुछ गाव के प्रधान को तो कुछ ग्राम सेवक को देनी पड़ती हैविकेंद्रीकरण तो हुआ है इस नही है अब सवी कम बांटें हुए है ये तय है कि किस कामइ कहा कितना चदावा चदाना है गाव से वसूली रासी ब्लाक पेर बिदेओ क पास टाक पहुंचती है है न विकेंद्रीकरण
यह सिलसिला यहीं नही रुकता बल्कि चलता रहता है यह राशी क्डियो टाक पहुचती है फ़िर उसमे से कुछ निर्धारित रकम रूपी हिस्सा जिलाधिकारी टाक पहुँचता है जिसमे से मंद्लायुक्त तक पहुँचने कि जिम्मेदारी जिलाधिकारी कि हटी है मंद्लायुक्त व आपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए मुख्य सचिव टाक उसका हिस्सा पहुँचा देता है सीएस भी सीएम तक पहुँचा देता है कितनी ईमानदारी का माहौल तैयार किया है विकेंद्रीकरण ने कोई भी आकेला नही खाता अब सब मिल बाँट के खाते है
ये तो उदाहरण था बस एक छोटी सी योजना का लेकिन विकेंद्रीकरण का प्रभाव देश भर मी चाल रही सभी योजनाओ पर देखने को मिल रहा है अब तो इसका कुछ कुछ प्रभाव ग्लोवल स्तर पर देखने को मिलने लगा है क्योकि अब विश्व मी अर्ब्पतियो कि तादाद मी भारत भी पीछे नही है
बुधवार, 7 मई 2008
शनिवार, 3 मई 2008
राईस राईस यू आर राईट
विश्व मे गहराते खाद्य संकट पर अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडेलिसा राईस ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों मे अब लोग पहले के मुकाबले ठीक से खाने लगे है उनके इस कथन की चाहुतरफा आलोचना हुई लेकिन जब मै ये ख़बर पढ़ रहा था उसी समय हिंदुस्तान के फ्रंट पेज पर एक स्टोरी येसी थी जो राईस के इस बयां की पुष्टि कर रही थी ख़बर दिल्ली के चिडियाघर की थी यहा आम आदमी भले प्याज खाने को तरसे लेकिन वहा का बन्दर रोज २५ ग्राम प्याज जरूर खाता है.बन्दर इसके अलावा २५ ग्राम टमाटर , दो केले,१०० ग्राम ब्रेड ,दूध ,आलू ,खीरा ,तरबूज ,खरबूज ,सेब ,संतरा ,अंडा भी खाता हैवहीं चिम्पंजी गर्मियों से बचने के लिये २५० ग्राम बेल फ्रूट ,तरबूज ,चीकू ,पपीता , आलू ,खीरा , ७०० ग्राम् सेब ,४००ग्राम् संतरा ,८०० ग्राम दूध ,२००तमतर् ,१०० ग्राम प्याज खाता है भालू भी ७ केले ,५०० ग्राम दूध , २ किलो खीरा ,२५० ग्राम आलू ,तरबूज ,खरबूज , और ५००ग्रम् चीकू रोज खा रहा है एसे ही चिडियाघर मे और जानवरों की भी मौज है
अब आप ही बताइए न राईस ने क्या बुरा कह दिया भाई जिस देश के जानवरों की डाइट इतनी हो उस देश के लोगो का क्या हाल होगा आप अंदाजा लगाइए हकीकत क्या है ये आप जानते है हम जानते है बाहर का कोई आदमी क्या जानता है अब आप बताइए बेचारी राईस की क्या गलती है इसमे ,उन्होंने तो जब ये देखा की जिस देश के जानवर इतने खाते है तो आदमी तो खाते ही होंगे लेकिन राईस को ये कौन समझाए की ये एसा देश है कि लोग ख़ुद तो भूखे रह जाते है लेकिन पालतुवो को जरूर खिलाते है फ़िर ओ चाहे जानवर हो या अमेरिकी रास्त्रपति जनता को खिलाने की व्यवस्था यहा की सरकार नही करती लेकिन बुश के स्वागत मे करोडो खर्च करती है.आप ही सोचिये न ,है न पहले से अच्छे
अब आप ही बताइए न राईस ने क्या बुरा कह दिया भाई जिस देश के जानवरों की डाइट इतनी हो उस देश के लोगो का क्या हाल होगा आप अंदाजा लगाइए हकीकत क्या है ये आप जानते है हम जानते है बाहर का कोई आदमी क्या जानता है अब आप बताइए बेचारी राईस की क्या गलती है इसमे ,उन्होंने तो जब ये देखा की जिस देश के जानवर इतने खाते है तो आदमी तो खाते ही होंगे लेकिन राईस को ये कौन समझाए की ये एसा देश है कि लोग ख़ुद तो भूखे रह जाते है लेकिन पालतुवो को जरूर खिलाते है फ़िर ओ चाहे जानवर हो या अमेरिकी रास्त्रपति जनता को खिलाने की व्यवस्था यहा की सरकार नही करती लेकिन बुश के स्वागत मे करोडो खर्च करती है.आप ही सोचिये न ,है न पहले से अच्छे
सदस्यता लें
संदेश (Atom)